Na main dharmi nahin adharmi, na main jati na kaami re Lyrics :
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ना मैं धर्मी नाहिं अधर्मी, ना मैं जती न कामी हो ।
ना मैं कहता ना मैं सुनता, ना मैं सेवक स्वामी हो । टेक
ना मैं बंधा ना मैं मुक्ता, ना मैं विरत ना रंगी हो।
ना काहू से न्यारा हुआ, ना काहू के संगी हो । १
ना हम नरक लोक को जाते, ना हम स्वर्ग सिधारे हो ।
सबहीं कर्म हमारो किया, हम कर्मन ते न्यारे हो । २
या मत को कोई विरला बूझै, सो अटल हो बैठा हो ।
मत कबीर काहू को थापै, मत काहू को मेटा हो । ३
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Na main dharmi naahin adharmi, na main jati na kaami ho
Na main kehta na main sunta, na main sevak swami ho | tek
Na main bandha na main mukta, na main virat na rangi ho
Na kaahu se nyara hua, na kaahu ke sangi ho | 1
Na hum narak lok ko jaate, na hum swarg sidhaare ho
Sabhin karm hamaro kiya, hum karman te nyare ho | 2
Ya mat ko koi virala boojhai, so atal ho baitha ho
Mat kabir kaahu ko thaapai, mat kaahu ko meta ho | 3