Janam sab dhokey mein khoy diyo Lyrics :
_________________________________________________________________
जनम सब धोखे में खोय दियो। टेक
द्वादश वर्ष बालपन बीते, बीस में जवान भयो।
तीस बरस माया के प्रेरे, देश विदेश गयो। १
चालिस बरस अन्त जब लागे, बाड़ो मोह भयो।
धन अरु धाम पुत्र के कारण, निशदिन सोच भयो। २
बरस पचास कमर भई टेढ़ी, सोचत खाट पइयो।
लड़िका बौहर बोली बोले, बुढ़ऊ मरि न गयो। ३
बरस साठ सत्तर के भीतर, केश सफेद भयो।
कफ पित वात घेर लियो है, नयनन नीर भयो। ४
न गुरु भक्ति न साधु की सेवा, न शुभ कर्म कियो।
कहैं कबीर सुनो भाई साधो, चोला छुटि गयो। ५
_________________________________________________________________