Chet sabera chalna baat, yeh jag dekha jhootha thaat Lyrics :
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चेत सबेरा चलना बाट, यह जग देखा झूठा ठाट। टेक
चलने की तजबीज न कीन्हा, मजलों की खर्ची न लीन्हा।
अच्छी राह ताहि न चीन्हा, अब का सोता ग़ाफ़िल खाट। १
चंचल मन का घोड़ा कीन्हा, ज्ञान लगाम ताहि दे दीन्हा।
हो होसियार बेगि गहि लीन्हा, भवसागर का चौड़ा पाट। २
मित्र कुटुंब कोई न तेरा, ये सब हैं स्वारथ के बेरा।
यहॉँ नहिं तेरा निश्चल डेरा, इनसे चलना बेग उचाट। ३
मन माली तन बाग़ लगाया, चलत मुसाफिर को बिलमाया।
विष के लाडू देत खियाई, लूट लीन्हे मारग पर हाट। ४
तन सराय में मन अरुझाना, भठियारी के रूप लुभाना।
निसदिन वाके बच के रहना, सौदा कर सतगुरु के हाट। ५
जल्दी चेतो साहेब सुमिरो, दसों द्वार जम आगे पकरो।
कहहि कबीर सुनो भाई साधो, अब का सोवै बिछाये खाट। ६
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