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Kaya Gadh Nagariya Se, Gagariya Bharke Laavo Re Lyrics – काया गढ़ नगरिया से, गगरिया भरके लावो रे।

Kaya Gadh Nagariya Se, Gagariya Bharke Laavo Re Lyrics :

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काया गढ़ नगरिया से, गगरिया भरके लावो रे। टेक

पवन  के  इनरवा  से, सुरति डोरिया लावो रे। १ 

नौ  नारी पनिहारी  आई, लागा  पुरा दावो  रे। २ 

पाँच पचीसो रंग रंगे हैं, मन के  माते  भावो रे। ३ 

निरगुन के  हिंडोरवा  धारे, हौले  हौले  आवो रे। ४ 

गगन अटरिया चढ़के देखो, सबके दिल को भावो रे। ५ 

सदर  दिवाने  खड़े  दुवारे, दरशे  वाके  पावो  रे। ६ 

कहत कबीर गुरु भर भर लावै, संतन को पिलावो रे। ७ 

जन्म  मरण  भौ संशय नाहीं, ऐसा कहरा गावो रे। ८

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