Karo Yatan Sakhi Sai Milan Ki Lyrics :
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करो यतन सखी साईं मिलन की। टेक
गुरिया गुरवा सूप सुपलिया, तज दे बुध लरिकैयाँ खेलन की। १
देव पितर और भुईयाँ भवानी, यह मारग चौरासी चलन की। २
ऊँँचा महल अजब रंग बंगला, साईं की सेज वहाँ लागी फुलन की । ३
तन मन धन सब अर्पण कर वहाँ, सुरत संभार पर पइयां सजन की । ४
कहैं कबीर निर्भय होय हंसा, कुँजी बता दो ताला खुलन की । ५
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