Kar Chalne Ka Saaj, Dam Ka Kaun Bharosa Lyrics :
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कर चलने का साज, दम का कौन भरोसा। १
यह संसार असार बताया, पालो सील क्षमा अरु तोषा। २
या जग में कोइ रहन ना पावे, सो निश्चय कर जान। ३
तन पिंजर से निकस जायेंगे, पल में पक्षी प्रान। ४
ऊठत बैठत जागत सोवत, कर ले खान अरु पान। ५
कहैं कबीर सुनो हो साधो, गावो पद निर्बान। ६
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