Manva Re Ram Bhajan Jag Saar Lyrics :
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मनुवा रे रामभजन जगसार ॥ टेक ॥
बडे बडे प्रिथवी के राजा छोड गये दरबार ॥
चारदिवस जग बीच निवासा बिरथा सकल पसार ॥
कंचन जैसी सुन्दर काया पल में होवत छार ॥
ब्रम्हानंद करो हरिसुमरण उतरो भवजल पार ॥
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