Mere To Girdhar Gopal Lyrics :
_________________________________________________________________
मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई।
1. जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई,
तात मात भ्रात बंधु, आपणो न कोई।
2. छाड़ देइ कुल की कानि, कहा करिहै कोई,
संतन ढिग बैठ-बैठ, लोक लाज खोई।
3. अंसुवन जल सींच-सींच, प्रेम बेल बोई,
अब तो बेल फैल गई, आनंद फल होई।
4. चुनरी के किये टूक, अौढ़ लीन्ही लोई,
मोती मूंगे उतार दिये, बन माला पोई।
_________________________________________________________________
Mere to girdhar gopal, doosro na koi
1. Jaake sir mor mukut, mero pati soi
Taat maat bhraat bandhu, aapno na koi
2. Chhaad deyi kul ki kaani, kahaa karihai koi
Santan dhig baitth-baitth, lok laaj khoyi
3. Ansuvan jal seench seench, prem bel boyi
Ab to bel fail gayi, anand fal hoyi
4. Chunari ke kiye took, audh leenhi loyi
Moti moonge utaar diye, ban mala poyi