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Tu Hi Sagar Tu Hi Kinara Lyrics – तू ही सागर तू ही किनारा

Tu Hi Sagar Tu Hi Kinara Lyrics :

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तू ही सागर तू ही किनारा, ढूँढता है तू किसका सहारा।

1. कभी तन में कभी मन में उलझा,
तू सदा अपने दामन में उलझा,
सब से जीता तू अपने से हारा।

2. विष निकाले कि अमृत निकाले,
डूब के थाह अपनी तू पा ले,
तू ही शिव का, तू शिव का दुलारा।

3. पाप क्या पुण्य क्या ये भुला दे,
कर्म कर फल की चिन्ता मिटा दे,
यह परीक्षा न होगी दोबारा।

4. उसका साया है उसी का दर्पण,
तेरे सीने में है उसी की धड़कन,
तेरी आँखों में उसका इशारा।

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Tu hi saagar tu hi kinaara, dhoondta hai tu kiska sahara

Kabhi tan mein kabhi mann mein uljha
Tu sadaa apne daaman mein uljha
Sab se jeeta tu apne se haara

Vish nikaale ki amrit nikaale
doob ke thaah apni tu paa le
Tu hi shiv ka, tu shiv k a dulaara

Paap kya punya kya ye bhula de
Karm kar fal ki chintaa mitaa de
Yeh pariksha na hogi dobara

Uska saaya hai usi ka darpan
Tere seene mein hai usi ki dhadkan
Teri aankhon mein uska ishaara

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