Guru Ke Charan Ki Raj Lyrics :
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गुरु के चरण की रज ले के
दोउ नैन के बीच अंजन दिया
तिमिर मेट उजियार हुआ
निरंकार पिय देख लिया
कोट सूरज तहाँ छपे घने
तीन लोक धन पाए पिया
सतगुर ने जो करी किरपा
मर के यारी जुग जुग जीया
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