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Anprapt Bastu Ko Kaha Tajei, Prapat Tajei So Tyagi Hai Lyrics – अनप्रापत बस्तु को कहा तजै, प्रापत तजै सो त्यागी है।

Anprapt Bastu Ko Kaha Tajei, Prapat Tajei So Tyagi Hai Lyrics :

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1. असील तुरंग को कहा फेरे, अफ़तर फेरे सो बागी है।

2. जग भव का गावना क्या गावै, अनुभव गावै सो रागी है।

3. बन गेह की वासना नास करै, कबीर सोई बैरागी है।

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