Skip to content

Raj

Kahe Ri Nalini Tu Kumbhilani, Tere Hi Naal Sarovar Paani Lyrics – काहे री नलिनी तू कुंभिलानी, तेरे ही नाल सरोवर पानी।

Kahe Ri Nalini Tu Kumbhilani, Tere Hi Naal Sarovar Paani Lyrics : _________________________________________________________________ काहे री नलिनी तू कुंभिलानी, तेरे ही नाल सरोवर पानी। टेक  जल में उतपति जल में बास, जल में नलिनी तोर निवास। १  ना तल तपति न ऊपर आग, तोर हेतु कहु कासनि लागि। २  कहैं  कबीर जे  उदक  समान, ते  नहिं  मुये हमारे जान। ३   _________________________________________________________________

Aan Pada Choran Ke Nagar, Satsang Bina Jiya Tarse Ho Lyrics – आन पड़ा चोरन के नगर, सत्संग बिना जिय तरसे हो ॥

Aan Pada Choran Ke Nagar, Satsang Bina Jiya Tarse Ho Lyrics : _________________________________________________________________ आन पड़ा चोरन के नगर, सत्संग बिना जिय तरसे हो ॥ टेक   हरि सो हीरा हाथ से खोयो, मूठी बाँधे कंकड़ से हो ॥ १  सत्संगति में लाभ बहुत है, साधु मिलावै हरि से हो ॥ २  मूरख जन कोइ जानत नाहीं, साधु से अमृत बरसे हो॥ ३ कहहि कबीर सुनो… Read More »Aan Pada Choran Ke Nagar, Satsang Bina Jiya Tarse Ho Lyrics – आन पड़ा चोरन के नगर, सत्संग बिना जिय तरसे हो ॥

Chadar ho gayi bahut purani, ab to soch samajh abhimaani Lyrics – चादर हो गई बहुत पुरानी, अब तो सोच समझ अभिमानी। टेक

Chadar ho gayi bahut purani, ab to soch samajh abhimaani Lyrics : _________________________________________________________________ चादर हो गई बहुत पुरानी, अब तो सोच समझ अभिमानी। टेक अजब जुलाहा चादर बीनी, सूत करम की तानी। सुरत निरति का भरना दीनी, तब सबके मन मानी। १ मैले दाग परे पापन के, विषयन में लपटानी। ज्ञान का साबुन लाय न धोया, सतसंगति का पानी। २ भई खराब गई अब सारी,… Read More »Chadar ho gayi bahut purani, ab to soch samajh abhimaani Lyrics – चादर हो गई बहुत पुरानी, अब तो सोच समझ अभिमानी। टेक