Shankar Teri Jata Mein Chale Dhaar Gung Hai Lyrics – शंकर तेरी जटा में चले धार गंग है
Shankar Teri Jata Mein Chale Dhaar Gung Hai Lyrics : _________________________________________________________________ शंकर तेरी जटा में चले धार गंग हैउठते हैं बार बार वारिके तरंग है ॥ टेक ॥गले में मुंडमाल है कानों में हैं कुंडलखाने को कंद मूल फल पीने को भंग है ॥ १ ॥मृगछाल कमर में कसी वृषराज पे चड़ेमस्तक में चंद्र की कला बिभूति अंग है ॥ २ ॥डमरू त्रिशूल हाथ में… Read More »Shankar Teri Jata Mein Chale Dhaar Gung Hai Lyrics – शंकर तेरी जटा में चले धार गंग है