Is Grah Mein Koi Jaagat Lyrics – इसु ग्रिह महि कोई जागतु रहै
Is Grah Mein Koi Jaagat Lyrics : _________________________________________________________________ इसु ग्रिह महि कोई जागतु रहै।।साबतु वसतु ओहु अपनी लहै।। 1. नैनहु नीद परद्रिसटि विकार।। स्रवण सोए सुणि निंद वीचार।।रसना सोई लोभि मीठै सादि।। मनु सोइआ माइआ बिसमादि।। 2. सगल सहेली अपनै रस माती।। ग्रिह अपुने की खबरि न जाती।।मुसनहार पंच बटवारे सूने नगरि परे ठगहारे।। 3. उन ते राखै बापु न माई।। उन ते राखै मीतु… Read More »Is Grah Mein Koi Jaagat Lyrics – इसु ग्रिह महि कोई जागतु रहै