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kabir Bhajan Lyrics

Avadhoo Andhadhund Andhiyara Lyrics – अवधू अंधाधुंध अंधियारा ॥

Avadhoo Andhadhund Andhiyara Lyrics : _________________________________________________________________ अवधू अंधाधुंध अंधियारा ॥ टेक  या घट अंतर बाग  बगीचा, याही  में सिरजनहारा ॥ १ या घट अंतर सात समुंदर, याही में नौ लख तारा ॥ २  या घट अंतर  हीरा मोती, याही में परखनहारा ॥ ३  या घट अंतर अनहद गरजे, याही  में उठत फुहारा ॥ ४  कहत कबीर सुनो भाई साधो, याही में गुरु हमारा ॥ ५… Read More »Avadhoo Andhadhund Andhiyara Lyrics – अवधू अंधाधुंध अंधियारा ॥

Naam Hari ka jap le bande, fir peechhe pachhtayega Lyrics – नाम हरि का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा ।

Naam Hari ka jap le bande, fir peechhe pachhtayega Lyrics : _________________________________________________________________ नाम हरि का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा । टेक तू कहता है मेरी काया, काया का गुमान क्या । चाँद सा सुंदर ये तन तेरा, मिट्टी में मिल जायेगा । १ वहाँ से क्या तू लाया बन्दे, यहाँ से क्या तू ले जायेगा । मुट्ठी बाँध के आया जग में, हाथ… Read More »Naam Hari ka jap le bande, fir peechhe pachhtayega Lyrics – नाम हरि का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा ।

Kahe Ri Nalini Tu Kumbhilani, Tere Hi Naal Sarovar Paani Lyrics – काहे री नलिनी तू कुंभिलानी, तेरे ही नाल सरोवर पानी।

Kahe Ri Nalini Tu Kumbhilani, Tere Hi Naal Sarovar Paani Lyrics : _________________________________________________________________ काहे री नलिनी तू कुंभिलानी, तेरे ही नाल सरोवर पानी। टेक  जल में उतपति जल में बास, जल में नलिनी तोर निवास। १  ना तल तपति न ऊपर आग, तोर हेतु कहु कासनि लागि। २  कहैं  कबीर जे  उदक  समान, ते  नहिं  मुये हमारे जान। ३   _________________________________________________________________