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kabir Bhajan Lyrics

Naam Hari ka jap le bande, fir peechhe pachhtayega Lyrics – नाम हरि का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा ।

Naam Hari ka jap le bande, fir peechhe pachhtayega Lyrics : _________________________________________________________________ नाम हरि का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा । टेक तू कहता है मेरी काया, काया का गुमान क्या । चाँद सा सुंदर ये तन तेरा, मिट्टी में मिल जायेगा । १ वहाँ से क्या तू लाया बन्दे, यहाँ से क्या तू ले जायेगा । मुट्ठी बाँध के आया जग में, हाथ… Read More »Naam Hari ka jap le bande, fir peechhe pachhtayega Lyrics – नाम हरि का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा ।

Kahe Ri Nalini Tu Kumbhilani, Tere Hi Naal Sarovar Paani Lyrics – काहे री नलिनी तू कुंभिलानी, तेरे ही नाल सरोवर पानी।

Kahe Ri Nalini Tu Kumbhilani, Tere Hi Naal Sarovar Paani Lyrics : _________________________________________________________________ काहे री नलिनी तू कुंभिलानी, तेरे ही नाल सरोवर पानी। टेक  जल में उतपति जल में बास, जल में नलिनी तोर निवास। १  ना तल तपति न ऊपर आग, तोर हेतु कहु कासनि लागि। २  कहैं  कबीर जे  उदक  समान, ते  नहिं  मुये हमारे जान। ३   _________________________________________________________________

Aan Pada Choran Ke Nagar, Satsang Bina Jiya Tarse Ho Lyrics – आन पड़ा चोरन के नगर, सत्संग बिना जिय तरसे हो ॥

Aan Pada Choran Ke Nagar, Satsang Bina Jiya Tarse Ho Lyrics : _________________________________________________________________ आन पड़ा चोरन के नगर, सत्संग बिना जिय तरसे हो ॥ टेक   हरि सो हीरा हाथ से खोयो, मूठी बाँधे कंकड़ से हो ॥ १  सत्संगति में लाभ बहुत है, साधु मिलावै हरि से हो ॥ २  मूरख जन कोइ जानत नाहीं, साधु से अमृत बरसे हो॥ ३ कहहि कबीर सुनो… Read More »Aan Pada Choran Ke Nagar, Satsang Bina Jiya Tarse Ho Lyrics – आन पड़ा चोरन के नगर, सत्संग बिना जिय तरसे हो ॥