Chadar ho gayi bahut purani, ab to soch samajh abhimaani Lyrics – चादर हो गई बहुत पुरानी, अब तो सोच समझ अभिमानी। टेक
Chadar ho gayi bahut purani, ab to soch samajh abhimaani Lyrics : _________________________________________________________________ चादर हो गई बहुत पुरानी, अब तो सोच समझ अभिमानी। टेक अजब जुलाहा चादर बीनी, सूत करम की तानी। सुरत निरति का भरना दीनी, तब सबके मन मानी। १ मैले दाग परे पापन के, विषयन में लपटानी। ज्ञान का साबुन लाय न धोया, सतसंगति का पानी। २ भई खराब गई अब सारी,… Read More »Chadar ho gayi bahut purani, ab to soch samajh abhimaani Lyrics – चादर हो गई बहुत पुरानी, अब तो सोच समझ अभिमानी। टेक