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kabir Bhajan Lyrics

Koi Ram Rasik Peeyahugey, Peeyahugey Yug Jeeyahugey Lyrics – कोई राम रसिक पीयहुगे, पीयहुगे युग जीयहुगे।

Koi Ram Rasik Peeyahugey, Peeyahugey Yug Jeeyahugey Lyrics : _________________________________________________________________ कोई राम रसिक पीयहुगे, पीयहुगे युग जीयहुगे। १ फल लंकृत बीज नहिं बकला, शुक पन्छी तहाँ रस खाई। २  चुवै  न  बुंद अंग नहिं भीजै, दास भंवर सब संग लाई। ३  निगम  रसाल  चारि  फल  लागे, तामें  तीन  समाई। ४  एक दूरि चाहें सब कोई, जतन जतन काहु बिरले पाई। ५  गये बसंत ग्रीष्म ऋतु… Read More »Koi Ram Rasik Peeyahugey, Peeyahugey Yug Jeeyahugey Lyrics – कोई राम रसिक पीयहुगे, पीयहुगे युग जीयहुगे।

Nar tohi naach nachaavat maya Lyrics – नर तोहि नाच नचावत माया ।

Nar tohi naach nachaavat maya Lyrics : _________________________________________________________________ नर तोहि नाच नचावत माया ।ज्ञान हेतु कबहुँ नहिं नाचे, जा हित पाये काया । टेक सकल बटोर करें बाजीगर, अपनी सुरति नचाया । नावत माथ फिरो विषयन संग, नाम अमल बिसराया । १ भुगते अपनी करनी करि -करि, जो यह जग में आया । राम बिसार यही गति सबकी, निशदिन भरम भुलाया । २ जो सुमिरे… Read More »Nar tohi naach nachaavat maya Lyrics – नर तोहि नाच नचावत माया ।

Nahin maane moodh ganvaar, main kaise kahun samjhaaye Lyrics – नहिं मानै मूढ़ गँवार, मैं कैसे कहूँ समझाय ।

Nahin maane moodh ganvaar, main kaise kahun samjhaaye Lyrics : _________________________________________________________________ नहिं मानै मूढ़ गँवार, मैं कैसे कहूँ समझाय । टेक झूठे को विश्वास करत है, साँचे नहिं पतियाय । १ आतम त्यागि अनातम पूजत, मूरख शीश नवाय । २ सज्जन संग विमल गंगाजल, तेहि तज तीरथ जाय । ३ अपनो हित अनहित नहिं सूझे, रही अविद्या छाय । ४ कहैं कबीर प्रत्यक्ष न माने,… Read More »Nahin maane moodh ganvaar, main kaise kahun samjhaaye Lyrics – नहिं मानै मूढ़ गँवार, मैं कैसे कहूँ समझाय ।