Guru bin kaun batavey baat Lyrics – गुरु बिन कौन बतावे बाट। टेक
Guru bin kaun batavey baat Lyrics : _________________________________________________________________ गुरु बिन कौन बतावे बाट। टेक भ्रांति पहाड़ी नदिया बिच में, अहंकार की लाट। १ काम क्रोध दो पर्वत ठाड़े, लोभ चोर संघात। २ मद मत्सर का मेघा बरसत, माया पवन बढ़ ठाट । ३ कहत कबीर सुनो भाई साधो, क्यों तरना यह घाट। ४ _________________________________________________________________