Hari Bin Kaun Sahaee Lyrics – हरि बिन कौन सहाई मन का।
Hari Bin Kaun Sahaee Lyrics : _________________________________________________________________ हरि बिन कौन सहाई मन का। 1. मात पिता भाई सुत बनिता, हित लागो सब फन का। 2. आगे को कुछ तुलहा बांधो, क्या मरवासा मन का। 3. कहा बिसासा इस भांडे का, इत्र नक लागै टन का। 4. सगल धर्म पुण्य पावहुं, धर बांछहू सब जन का। 5. कहै कबीर सुनो रे संतो, मन उड़त पखेरू बन… Read More »Hari Bin Kaun Sahaee Lyrics – हरि बिन कौन सहाई मन का।