Mukhra Kya Dekhe Darpan Mein Lyrics – मुखड़ा क्या देखै दरपन में
Mukhra Kya Dekhe Darpan Mein Lyrics : _________________________________________________________________ मुखड़ा क्या देखै दरपन में, दया धरम नहीं मन में।। 1. गहिरी नदिया नाव पुरानी, उतरन चाहै पल में।प्रेम की नइया पार उतर गई, पापी बूड़े जल में।। 2. दर्पण देखत मूँछ मरोरत, तेल चुवत जुलफन में।एक दिन ऐसा आन पड़ेगा, धूल उड़े यहि तन में।। 3. आम की डार कोइलिया बोलै, सुवना बोलै बन में।घरवारी घरही… Read More »Mukhra Kya Dekhe Darpan Mein Lyrics – मुखड़ा क्या देखै दरपन में