Sakhi Meri Neend Nasaani Ho Lyrics – सखी मेरी नींद नसानी हो
Sakhi Meri Neend Nasaani Ho Lyrics : _________________________________________________________________ सखी मेरी नींद नसानी हो।पिवको पंथ निहारत सिगरी, रैण बिहानी हो। 1. सखियन मिलकर सीख दई मन, एक न मानी हो।बिन देख्यां कल नाहिं पड़त जिय, ऐसी ठानी हो। 2. अंग-अंग ब्याकुल भई मुख, पिय पिय बानी हो।अंतर बेदन बिरहकी कोई, पीर न जानी हो। 3. ज्यूं चातक घनकूं रटै, मछली जिमि पानी हो।मीरा ब्याकुल बिरहणी, सुध… Read More »Sakhi Meri Neend Nasaani Ho Lyrics – सखी मेरी नींद नसानी हो