Hamta Mamta Ko Dur Kare Lyrics – हमता ममता को दूर करे, यही तो मूल जंजाल है जी।
Hamta Mamta Ko Dur Kare Lyrics : _________________________________________________________________ हमता ममता को दूर करे, यही तो मूल जंजाल है जी,चाह अचाह को छोड़ देवे यही स्वभाव की चाल है जी। 1. मोर और तोर विकार छूटै, सब से मिले हर हाल है जी,पलटू जिन वासना बीज भुना, वो साहब का लाल है जी। 2. मेरी-मेरी तू क्या करे, मेरी मंहै अकाज है जी,साहिब सब काम संभारि… Read More »Hamta Mamta Ko Dur Kare Lyrics – हमता ममता को दूर करे, यही तो मूल जंजाल है जी।