Shri Rudrashtakam Lyrics – श्री रुद्राष्टकम
Shri Rudrashtakam Lyrics : _________________________________________________________________ नमामीशमीशान निर्वाणरूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाशमाकाशवासं भजेहं। 1| निराकार-ओंकार-मूलं तुरीयं, गिराग्यान गोतीतमीशं गिरीशं। करालं महाकाल कालं कृपालं, गुणागार संसारपारं नतोहं। 2| तुषाराद्रि संकाश गौरं गम्भीरं, मनोभूतकोटि प्रभा श्रीशरीरं। स्फ़ुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगा, लसद्-भाल-बालेन्दु कण्ठे भुजंगा। 3| चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालं। मृगाधीश चर्मांबरम् मुण्डमालं, प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि। 4| प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं,… Read More »Shri Rudrashtakam Lyrics – श्री रुद्राष्टकम