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yari-sahib Bhajan Lyrics

Guru Ke Charan Ki Raj Lyrics – गुरु के चरण की रज

Guru Ke Charan Ki Raj Lyrics : _________________________________________________________________ गुरु के चरण की रज ले के दोउ नैन के बीच अंजन दिया तिमिर मेट उजियार हुआनिरंकार पिय देख लिया कोट सूरज तहाँ छपे घनेतीन लोक धन पाए पिया सतगुर ने जो करी किरपामर के यारी जुग जुग जीया _________________________________________________________________

Ya Bidhi Bhajan Karo Mann Laayi Lyrics – या बिधि भजन करो मन लाई।

Ya Bidhi Bhajan Karo Mann Laayi Lyrics : _________________________________________________________________ या बिधि भजन करो मन लाई। निर्मल नाम लखो बिनु लोचन, सेत फटिक रोसनाई ।।1।। सीप कि सुरति अकास बसत जस, चित चकोर चंदाई। कुंभक नीर उलटि भरो जैसे, सागर बुन्द समुंद समाई ।।2।। जैसे मृग की रीति परस्पर, लोह कंचन ह्वे जाई। मन गगरी पर बात सखिन सँग, कुंभ-कला नट ला लाई ।।3।। तत्त तिलक… Read More »Ya Bidhi Bhajan Karo Mann Laayi Lyrics – या बिधि भजन करो मन लाई।