Chaam ke mahal mein bhool mat baavre, swapan ka sang hai bujhi rehna Lyrics :
_________________________________________________________________
चाम के महल में भूल मत बावरे, स्वपन का संग है बुझि रहना। १
साँच को प्रीतिकर स्वप्न धोखा तजो, चाम अरु राम को चीन्ह गहना। २
जासु का खोज सब रोज तुम करत हो, मुकुर की छाह में नाहिं लेना। ३
देख ले आपना आपको आपही, कहैं कबीर यों सत्य कहना। ४
_________________________________________________________________