Jaago re nar neend nasaee, chit cheto chintamani paaee Lyrics :
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जागो रे नर नींद नसाई, चित चेतो चिंतामणि पाई। टेक
सोवत-सोवत बहुत दिन बीते, जिन जागा तस्कर गये रीते। १
जन जागे का ऐसहि नाम, विष ले लागे वेद पुराण। २
कहैं कबीर अब सोवों नाहि, राम रतन पाया घट माँहि । ३
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