Jagat chala jaaye yahan koi na raheiya Lyrics :
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जगत चला जाय यहॉँ कोइ न रहैया। टेक
चलि गये कुम्भकरण अरु रावण, चलि गये लखन चारों भैया। १
चलि गयो नन्द यशोमति मैया, चलि गयो गोपी ग्वाल कन्हैया। २
उत्पति प्रलय चार युग बीता, काल बली से कोइ न बचैया। ३
कहैं कबीर सुनो भाई साधो, सत्य शब्द एक होत सहैया। ४
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