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Janam sab dhokey mein khoy diyo Lyrics – जनम सब धोखे में खोय दियो। टेक

Janam sab dhokey mein khoy diyo Lyrics :

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जनम सब धोखे में खोय दियो। टेक
द्वादश वर्ष बालपन बीते, बीस में जवान भयो।
तीस बरस माया के प्रेरे, देश विदेश गयो। १

चालिस बरस अन्त जब लागे, बाड़ो मोह भयो।
धन अरु धाम पुत्र के कारण, निशदिन सोच भयो। २

बरस पचास कमर भई टेढ़ी, सोचत खाट पइयो।
लड़िका बौहर बोली बोले, बुढ़ऊ मरि न गयो। ३

बरस साठ सत्तर के भीतर, केश सफेद भयो।
कफ पित वात घेर लियो है, नयनन नीर भयो। ४

न गुरु भक्ति न साधु की सेवा, न शुभ कर्म कियो।
कहैं कबीर सुनो भाई साधो, चोला छुटि गयो। ५

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