Kah Bhaye Mukh Ram Kahe Se Lyrics :
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काह भये मुख राम कहे से। टेक
अंतर कपट वचन मुख चातुर, अति अधीन होय मनन किये से। १
जैसे बधिक ओट टाटी के, बहु जीवन को हतन किये से। २
कहहिं कबीर वाके संग न करिये, बिन विवेक जिन भेष लिये से। ३
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