Kahe Ri Nalini Tu Kumbhilani, Tere Hi Naal Sarovar Paani Lyrics :
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काहे री नलिनी तू कुंभिलानी, तेरे ही नाल सरोवर पानी। टेक
जल में उतपति जल में बास, जल में नलिनी तोर निवास। १
ना तल तपति न ऊपर आग, तोर हेतु कहु कासनि लागि। २
कहैं कबीर जे उदक समान, ते नहिं मुये हमारे जान। ३
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