Kahu Se Neh Na Kariye Ho Lyrics :
_________________________________________________________________
काहू से नेह न करिये हो।
नेह किये निश्चय ही सबही, बिनु पावक के जरिये हो। १
यह जग पावक रूप है, तामें पाँव न धरिये हो।
ऐसा ग्यान बिचारि के, हरि मांहि बिचरिये हो। २
झूठा जग को मिलन हो, मिलि बंधन परिये हो।
बंधन काटि निर्बंध ह्वै, गुरु पंथ पकरिये हो। ३
यामें कोई थिरता नाहीं, सब देखत मरिये हो।
कहैं कबीर सुनु संतो हो, निज नाम उचरिये हो। ४
_________________________________________________________________