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Karo Re Mannva Din Ki Tadbeer Lyrics – करो रे मन वा  दिन की तदबीर । 

Karo Re Mannva Din Ki Tadbeer Lyrics :

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करो रे मन वा  दिन की तदबीर । टेक 

जब  यमराजा  आन  पड़ेंगे, नेक  धरत नहिं धीर।  
मुगरिन मारि के प्राण निकासत, नैनन भरि हैं नीर। १ 

भवसागर  इक  अगम  पंथ है, नदी  बहत गंभीर । 
नाव   न  बेड़ा  लोग  घनेरा, केवट  हैं   बेपीर ॥ २ 

घर  तिरिया  अरधंगी  बैठी, मात  पिता  सुत बीर।
माल मुलुक की कौन चलावै, संग  न  जात  शरीर॥ ३

लैके बोरत  नरक  कुण्ड  में, व्याकुल  होत  शरीर। 
कहहिं कबीर नर अब  से चेतो,  माफ़ होत तकसीर॥ ४  

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