Hari Ko Sumar Pyaare Umra Viha Rahi Hai Lyrics – हरि को सुमर पियारे उमरा विहा रही है
Hari Ko Sumar Pyaare Umra Viha Rahi Hai Lyrics : _________________________________________________________________ हरि को सुमर पियारे उमरा विहा रही हैदिन दिन घड़ीघड़ी में छिन छिन में जा रही है || टेक ||दीपक की जोत जावे नदियों का नीर धावेज्ञानी नजर न आवे चंचल समा रही है ||पिछली भली क्माई मानुष की देह पाईप्रभु हेतना लगाई बिर्था गमा रही है ||घर माल मीत नारी दुनिया की मौज… Read More »Hari Ko Sumar Pyaare Umra Viha Rahi Hai Lyrics – हरि को सुमर पियारे उमरा विहा रही है