Tere ghat mein Ram tu kahe bhatkey Lyrics – तेरे घट में राम तू काहे भटके । टेक
Tere ghat mein Ram tu kahe bhatkey Lyrics : _________________________________________________________________ तेरे घट में राम तू काहे भटके । टेकजैसे अग्नि बसत पथरी में, चमकत नहिं बिनु पटके । १ जैसे माखन रहत दूध में, निकसत नहिं बिनु झटके । २ जैसे मधुर रस बसत ऊख में, निकसत नहीं बिनु कटके । ३ कहैं कबीर सुनो भाई साधो, हरि न मिले बिनु अटके । ४ _________________________________________________________________