Sumiran Kar Le Mere Mana Lyrics :
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सुमिरन कर ले मेरे मना । टेक
हस्ति दन्त बिनु, पंछी पंख बिनु नारी पुरुष बिना ।
वेश्या- पुत्र पिता बिनु हीना, वैसे प्राणी ज्ञान बिना । १
देह नैन बिनु रैन चंद बिनु, मंदिर दीप बिना ।
जैसे तरुवर फल बिन हीना, वैसे प्राणी ज्ञान बिना । २
कूप नीर बिनु धेनु क्षीर बिनु, धरती मेह बिना ।
जैसे पंडित वेद बिनु हीना, वैसे प्राणी ज्ञान बिना । ३
काम क्रोध और लोभ मोह सब, तृष्णा त्यागै संत जना ।
कहहिं कबीर एक गुरु की शरण बिनु, कोई नहीं जग में अपना । ४
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Sumiran karle mere mana | tek
Hasti dant binu, panchchi pankh binu naari purush biina
Vaishya – putr pita binu heena, waise praani gyaan bina | 1
Deh nain binu rain chand binu, mandir deep bina
Jaise taruvar fal bin heena, waise praani gyaan bina | 2
Krip neer binu dhenu ksheer binu, dharti meh bina
Jaise pandit ved binu heena, waise praani gyaan bina | 3
Kaam krodh aur lobh moh sab, trishna tyagai sant janaa
Kahinh kabir ek guru ki sharan binu, koi nahi jag mein apna | 4