Chalhu ka tedhho-tedhho-tedhho Lyrics – चलहु का टेढ़ो- टेढ़ो- टेढ़ो।
Chalhu ka tedhho-tedhho-tedhho Lyrics : _________________________________________________________________ चलहु का टेढ़ो- टेढ़ो- टेढ़ो। दशहूँ द्वार नरक भरि बूड़े, तूँ गंधी को बेड़ो। टेक फूटै नैन हृदय नहिं सूझे, मति एकौ नहिं जानी। काम क्रोध तृष्णा के माते, बूड़ि मुये बिनु पानी। १ जो जारे तन भस्म होय धुरि, गाड़े किरमिटी खाई। सीकर स्वान काग का भोजन, तन की इहै बड़ाई। २ चेति न देखु मुग्ध नर बौरे,… Read More »Chalhu ka tedhho-tedhho-tedhho Lyrics – चलहु का टेढ़ो- टेढ़ो- टेढ़ो।