Koi Harijan Mitaavei Hamaar Khatka Lyrics – कोई हरिजन मिटावै हमार खटका।
Koi Harijan Mitaavei Hamaar Khatka Lyrics : _________________________________________________________________ कोई हरिजन मिटावै हमार खटका। टेक वृक्ष एक अधर में जामा, जड़ ऊपर पलई तरका। १ जल ऊपर लोहा उतराने, लौकी बूढ़ गई तरका। २ बाँचत बेद भेद नहिं पावत, बातों में रहता अटका। ३ कहैं कबीर सुनो भाई साधो, सुइ नख माहिं जगत अटका। ४ _________________________________________________________________