Guru mohi jeevan moor dayee Lyrics – गुरु मोहि जीवन मूर दई। टेक
Guru mohi jeevan moor dayee Lyrics : _________________________________________________________________ गुरु मोहि जीवन मूर दई। टेक जल थोड़ा बरखा भई भारी, छाय रही सब लाल मई। १ छिन छिन पाप कटन जब लागे, बाढ़न लागी प्रीति नई। २ अमरापुर में खेती कीन्ही, हीरा नग ते भेंट भई। ३ कहैं कबीर सुनो भाई साधे, मन की दुबिधा दूर भई। ४ _________________________________________________________________