Bina Hari Ke Bhajan Mufat Janma Gavaya Lyrics – बिना हरि के भजन मुफत जन्म गवाया
Bina Hari Ke Bhajan Mufat Janma Gavaya Lyrics : _________________________________________________________________ बिना हरि के भजन मुफत जन्म गवायादुनिया की मौज में फिरे सदा ही भुलाया || टेक ||यह बार बार देह मनुज का न मिलेगाडाली से टूटा फूल वो फिर न खिलेगादिन चार पांच के लिये क्या ढंग जमाया || 1 ||जिनको तू मानता है मेरे हैं यह प्यारेवो छोड़कर तुझे जॅंगल में घर को सिधारेपरलोक… Read More »Bina Hari Ke Bhajan Mufat Janma Gavaya Lyrics – बिना हरि के भजन मुफत जन्म गवाया