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Bhajan Lyrics

Jinki lagan Guru se naaee Lyrics – जिनकी लगन गुरू से नाईं।

Jinki lagan Guru se naaee Lyrics : _________________________________________________________________ जिनकी लगन गुरू से नाईं। ते नर पशु सम जग में जीवत, विरथा जनम गँवाई । टेक अमृत छोड़ि विषय रस पीवै, धृक धृक तिनके ताई । बिनु विवेक ते दहुँ दिशि भटके, भूकत लखि परीछाईं । १ हरि बेल की कोरि तुमरिया, सब तीरथ करि आईं । जगन्नाथ के दर्शन करके, अजहुँ न गई करुवाई ।… Read More »Jinki lagan Guru se naaee Lyrics – जिनकी लगन गुरू से नाईं।

Ras Gagan Gufa Mein Lyrics – रस गगन गुफा में

Ras Gagan Gufa Mein Lyrics : _________________________________________________________________ रस गगन गुफा में अजर झरै।बिन बाजा झंकार बजै जहाँ, समझ परै जब ध्यान धरै। 1. बिना ताल जहाँ कंवल फुलाने, तेहि चढ़ हंसा केलि करै। बिन चन्दा उजियारा दरसै, जहं तहं हंसा नज़र परै। 2. दसवें द्वार तारी लागी, अलख पुरूष कौ ध्यान धरै। काल कराल निकट नहीं आवे, काम क्रोध मद लोभ जरै। 3. जुगन-जुगन की… Read More »Ras Gagan Gufa Mein Lyrics – रस गगन गुफा में

Nath Kaise Drupdike Chir Badhaye Lyrics – नाथ कैसे द्रुपदीके चीर बढ़ाए

Nath Kaise Drupdike Chir Badhaye Lyrics : _________________________________________________________________ नाथ कैसे द्रुपदीके चीर बढ़ाएजाको देख सभी विस्माये || टेक || कौरव पांडव मिल आपस में जूबा खेल रचाये ||डार कपट का पासा शकुनी पांडव राज्य हराए ||द्रुपदसुता को बीच सभा के नगन करण को लाये ||द्वारिकानाथ लाज रख मेरी तुम बिन कौन सहाए ||दुःशासन ने पकड़ केशसे चीर बदन से हटाये ||खेंचत खेंचत अंत न आयो… Read More »Nath Kaise Drupdike Chir Badhaye Lyrics – नाथ कैसे द्रुपदीके चीर बढ़ाए