Satsangat Jag Saar Sadho Satsangat Jag Saar Re Lyrics – सतसंगत जग सार साधो सतसंगत जग सार रे ॥ टेक ॥
Satsangat Jag Saar Sadho Satsangat Jag Saar Re Lyrics : _________________________________________________________________ सतसंगत जग सार साधो सतसंगत जग सार रे ॥ टेक ॥काशी न्हाये मथुरा न्हाये न्हाये हरिद्वार रेचार धाम तीरथ फिर आये मनका नही सुधार रे ॥ १बनमें जाय कियो तप भारी काया कष्ट अपार रेइन्द्रिय जीत करी वश अपने हिरदे नही बिचार रे ॥ २मंदिर जाय करे नित पूजा राखे बडो आचार रेसाधुजन की… Read More »Satsangat Jag Saar Sadho Satsangat Jag Saar Re Lyrics – सतसंगत जग सार साधो सतसंगत जग सार रे ॥ टेक ॥