Guru Ke Charan Ki Raj Lyrics – गुरु के चरण की रज
Guru Ke Charan Ki Raj Lyrics : _________________________________________________________________ गुरु के चरण की रज ले के दोउ नैन के बीच अंजन दिया तिमिर मेट उजियार हुआनिरंकार पिय देख लिया कोट सूरज तहाँ छपे घनेतीन लोक धन पाए पिया सतगुर ने जो करी किरपामर के यारी जुग जुग जीया _________________________________________________________________