Kahe Nath Jalandhar Dhyaani Lyrics – कहे नाथ जलंधर ध्यानी
Kahe Nath Jalandhar Dhyaani Lyrics : _________________________________________________________________ कहे नाथ जलंधर ध्यानीसुन गोपीचंद सुजानी || टेक ||जब मूलबंध दृढ़ लावे |तब उलट पवन चढ़ जावे जी | सब दश में द्वार समानी || सुन——दिनदिन जब योगवधारा | तब शुष्क होय तन सारा जी |भूमि जल राख सुकानी || सुन——–फिर चंद्रकला रस भीना | सब होय शरीर नवीना जी |अजरामर सिद्धि निधानी || सुन————मरमर के फिर जो… Read More »Kahe Nath Jalandhar Dhyaani Lyrics – कहे नाथ जलंधर ध्यानी