Koi Ram Rasik Peeyahugey, Peeyahugey Yug Jeeyahugey Lyrics – कोई राम रसिक पीयहुगे, पीयहुगे युग जीयहुगे।
Koi Ram Rasik Peeyahugey, Peeyahugey Yug Jeeyahugey Lyrics : _________________________________________________________________ कोई राम रसिक पीयहुगे, पीयहुगे युग जीयहुगे। १ फल लंकृत बीज नहिं बकला, शुक पन्छी तहाँ रस खाई। २ चुवै न बुंद अंग नहिं भीजै, दास भंवर सब संग लाई। ३ निगम रसाल चारि फल लागे, तामें तीन समाई। ४ एक दूरि चाहें सब कोई, जतन जतन काहु बिरले पाई। ५ गये बसंत ग्रीष्म ऋतु… Read More »Koi Ram Rasik Peeyahugey, Peeyahugey Yug Jeeyahugey Lyrics – कोई राम रसिक पीयहुगे, पीयहुगे युग जीयहुगे।