Nar ko nahin parteet hamari Lyrics – नर को नहिं परतीत हमारी ।
Nar ko nahin parteet hamari Lyrics : _________________________________________________________________ नर को नहिं परतीत हमारी ।झूठा बनिज कियो झूठे सो, पूँजी सबन मिलि हारी । टेक घट दर्शन मिलि पन्थ चलायो, तिरदेवा अधिकारी । राजा देश बड़ो परपंची, रैयत रहत उजारी । १ इतते उत उतते इत रहहू, यम की साँड़ सवारी । ज्यों कपि डोर बाँध बाजीगर, अपनी ख़ुशी परारी । २ इहै पेड़ उत्पति परलय… Read More »Nar ko nahin parteet hamari Lyrics – नर को नहिं परतीत हमारी ।