Kaa Maangun Kuch Thir Naa Lyrics – का माँगू कुछ थिर ना रहाई
Kaa Maangun Kuch Thir Naa Lyrics : _________________________________________________________________ का माँगू कुछ थिर ना रहाई, देखत नैन चला जग जाई। 1. इक लाख पूत सवा लाख नाती, ता रावण घर दीया ना बाती। 2. लंका सो कोट समुद्र सी खाई, ता रावण की खबरि ना पाई। 3. आवत संग ना जात संगाती,का हुआ दल बाँधे हाथी। 4. कहे कबीर अंत की बारी, हाथ झाड़ ज्यों चले… Read More »Kaa Maangun Kuch Thir Naa Lyrics – का माँगू कुछ थिर ना रहाई