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kabir Bhajan Lyrics

Anprapt Bastu Ko Kaha Tajei, Prapat Tajei So Tyagi Hai Lyrics – अनप्रापत बस्तु को कहा तजै, प्रापत तजै सो त्यागी है।

Anprapt Bastu Ko Kaha Tajei, Prapat Tajei So Tyagi Hai Lyrics : _________________________________________________________________ 1. असील तुरंग को कहा फेरे, अफ़तर फेरे सो बागी है। 2. जग भव का गावना क्या गावै, अनुभव गावै सो रागी है। 3. बन गेह की वासना नास करै, कबीर सोई बैरागी है। _________________________________________________________________

Koi Harijan Mitaavei Hamaar Khatka Lyrics – कोई हरिजन मिटावै हमार खटका। 

Koi Harijan Mitaavei Hamaar Khatka Lyrics : _________________________________________________________________ कोई हरिजन मिटावै हमार खटका। टेक  वृक्ष  एक  अधर  में जामा, जड़  ऊपर  पलई  तरका। १  जल  ऊपर  लोहा  उतराने, लौकी  बूढ़  गई  तरका। २  बाँचत  बेद  भेद  नहिं पावत, बातों  में रहता अटका। ३  कहैं कबीर सुनो भाई साधो, सुइ नख माहिं जगत अटका। ४ _________________________________________________________________

Jogve nis baasar jog jati Lyrics – जोगवे निस बासर जोग जती। टेक

Jogve nis baasar jog jati Lyrics : _________________________________________________________________ जोगवे निस बासर जोग जती। टेक जैसे सोना जोगवत सोनरा, जाने देत न एक रती । १ जैसे कृपिन कनी को जोगवे, क्या राजा क्या छत्रपति। २ जैसे नारि पुरुष को जोगवत, जरत पिया संग होय सती । ३ कहैं कबीर सुनो भाई साधो, कोई कोई बच गये सूर सती । ४ _________________________________________________________________ Jogve nis baasar jog… Read More »Jogve nis baasar jog jati Lyrics – जोगवे निस बासर जोग जती। टेक