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kabir Bhajan Lyrics

Meri Surati Suhagin Jaag Re Lyrics – मेरी सुरति सोहागिन जाग रे

Meri Surati Suhagin Jaag Re Lyrics : _________________________________________________________________ मेरी सुरति सोहागिन जाग रे। 1. का सोवै तू लोभ मोह में, उठ के गुरु चरणों लाग रे।। 2. चित दै श्रवण सुनो गुरु अक्षर, उठत मधुर धुन राग रे।। 3. का तू अटकी लोभ मोह में, उठ के गुरु शब्दे लाग रे।। 4. कहैं कबीर सुनो भाई साधो, जगत परा यम जाल रे।। _________________________________________________________________ meree surati… Read More »Meri Surati Suhagin Jaag Re Lyrics – मेरी सुरति सोहागिन जाग रे

Dagariya bhool gayee main, kehi bidhi ghar ko jaanv Lyrics – डगरिया भूल गई मैं , केहि बिधि घर को जावं । टेक

Dagariya bhool gayee main, kehi bidhi ghar ko jaanv Lyrics : _________________________________________________________________ डगरिया भूल गई मैं , केहि बिधि घर को जावं । टेक पन्थ चलत कैसे दिन बीते, ढूंढ़ अनेकन भाव । नाना कर्म करत मन हारे , ज्यों मृग जल को धाव । १ बेद को पढ़ि-पढ़ि पंडित भूले ,चतुर न पावहि ठाँव । जेहि पूछो सो नाम बतावै , नाहि दिखावै गाँव… Read More »Dagariya bhool gayee main, kehi bidhi ghar ko jaanv Lyrics – डगरिया भूल गई मैं , केहि बिधि घर को जावं । टेक

Koi Ram Rasik Peeyahugey, Peeyahugey Yug Jeeyahugey Lyrics – कोई राम रसिक पीयहुगे, पीयहुगे युग जीयहुगे।

Koi Ram Rasik Peeyahugey, Peeyahugey Yug Jeeyahugey Lyrics : _________________________________________________________________ कोई राम रसिक पीयहुगे, पीयहुगे युग जीयहुगे। १ फल लंकृत बीज नहिं बकला, शुक पन्छी तहाँ रस खाई। २  चुवै  न  बुंद अंग नहिं भीजै, दास भंवर सब संग लाई। ३  निगम  रसाल  चारि  फल  लागे, तामें  तीन  समाई। ४  एक दूरि चाहें सब कोई, जतन जतन काहु बिरले पाई। ५  गये बसंत ग्रीष्म ऋतु… Read More »Koi Ram Rasik Peeyahugey, Peeyahugey Yug Jeeyahugey Lyrics – कोई राम रसिक पीयहुगे, पीयहुगे युग जीयहुगे।