Ishta Avadhoot Ka Dusht Nahi Sahi Sakey, Dusht Do Dvait Ki Dhrashti Bhaase Lyrics – इष्ट अवधूत का दुष्ट नहिं सहि सके, दुष्ट को द्वैत की दृष्टि भासै ।
Ishta Avadhoot Ka Dusht Nahi Sahi Sakey, Dusht Do Dvait Ki Dhrashti Bhaase Lyrics : _________________________________________________________________ इष्ट अवधूत का दुष्ट नहिं सहि सके, दुष्ट को द्वैत की दृष्टि भासै । १ परम प्रकास जो भेद पावै नहीं, इन्द्रियाँ द्वार की रहित आसै । २ कहत सब संत अगाध मैं कहा कहूँ, बिना निर्बेद नहिं दृष्टि आवै । ३ कहैं कबीर यह खेल बारीक़ है, बिना गुरुदेव… Read More »Ishta Avadhoot Ka Dusht Nahi Sahi Sakey, Dusht Do Dvait Ki Dhrashti Bhaase Lyrics – इष्ट अवधूत का दुष्ट नहिं सहि सके, दुष्ट को द्वैत की दृष्टि भासै ।